कुलिक काल सर्प दोष कब होता है, जब सारे सातों ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं |
राहु व केतु के अनुसार सभी ग्रहों की दशा जानना आवश्यक है
तभी कालसर्प दोष योग की पहचान किसी कुंडली में हो सकती है |
यह योग अन्य योगों से ज्यादा खतरनाक है |
जातक को 55 साल तक या कभी कभी उम्र भर प्रभावित कर सकता है |
यह अवधि कालसर्प योग के प्रकार पर निर्भर करता है |
कालसर्प योग कुल 12 प्रकार का होता है |
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कुलिक कालसर्प दोष तब होता है जब राहु दूसरे घर में या धन के घर में हो
और केतु आठवें घर में हो यह योग जातक को उसकी आए और बचत पर नकारात्मक प्रभाव डालता है |
जातक का अपने शब्दों पर नियंत्रण नहीं रहता और वह वार्तालाप में दक्ष नहीं होता
और इससे वह कई लोगों को नुकसान पहुंचाता है और उन्हें जाने अनजाने में अपना दुश्मन बना लेता है |
अनंत कालसर्प दोष तब होता है जब राहु प्रथम घर में हो और केतु सातवें घर में हो |
जीवन में सफलता पाने के लिए ऐसी जातकों को अपने जीवन में कठिन परिश्रम करना पड़ता है |
ऐसे जातकों को दुर्घटना और शल्य चिकित्सा का भय बना रहता है |
उन्हें जहर, दुर्घटना, सांप के काटने या आत्महत्या से अकाल मृत्यु का भय रहता है |
कुलिक कालसर्प दोष के लाभ
कालसर्प दोष लगभग व्यक्ति विशेष के अनुसार 47 साल तक प्रभावित करता है | और इस दोष के समाप्त होने पर जातक को अच्छे परिणाम मिल सकते है |
कुलिक काल सर्प दोष के उपाय
काल सर्प दोष पूजा इस योग के सभी दुष्प्रभाव को समाप्त करने के लिए अति आवश्यक है | इस पूजा से जातक अकाल मृत्यु का भय टाल सकते हैं | यह पूजा भगवान शिवजी की स्तुति के साथ की जाती है | कुलिक काल सर्प दोष के उपायों द्वारा इसके नकारात्मक प्रभाव से जातक को बचा सकता है |
जातक को धन प्राप्ति व धन की बचत में मदद मिलती है |
इससे वार्तालाप में दक्षता आती है और जातक को सगे संबंधियों से मदद मिलती है |
उसका अपने समाज में अच्छा प्रभाव बना रहता है | दुर्घटना से बचा रहता है | जहर, दुर्घटना, सांप के काटने और आत्महत्या से होनी वाली अकाल मृत्यु से बचाता है।
इसका उपाय 81000 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना है। इसका समापन भगवान शिव के कलशपरमपूजा के साथ होगा।
लोग इस पूजा के दौरान भगवान शिव को दूध, दही, शक्कर, धतूरा, भस्म और चांदी के नाग-नागिन के जोड़े चढ़ाते हैं। साथ ही लोग चंदन, चावल, गंगा जल, बेल पत्र, सफेद अकोडे का फूल, कमल का फूल और फल भगवान शिव को अर्पित करते हैं।
हमारे पंडित जी विभिन्न स्थानों में यह उपाय करते हैं जहां ज्योतिलिंग हैं। और ऐसे शिव-लिंग वाराणसी, दिल्ली, उज्जैन और जयपुर में भी हैं। अत्यधिक जानकार ब्राह्मण और वैदिक ज्योतिषी मिलकर इस उपाय को करते हैं। संकल्प को फोन पर भी लिया जाता है और प्रसाद और भबुत को कूरियर के माध्यम से भेजा जाता है ।