कालसर्प दोष तब होता है, जब सभी सात ग्रह सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनि, राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं। राहु या केतु के साथ स्थित ग्रहों की स्थिति पर विचार करना बहुत आवश्यक है। यह जन्म कुंडली में कालसर्प दोष की उपस्थिति के बारे में सुनिश्चित करता है। कालसर्प दोष के प्रकार 12 हैं।
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कालसर्प दोष के प्रकार की सूचि
1. अनंत कालसर्प दोष
किसी कुंडली में अनंत कालसर्प दोष तब बनता है जब राहु पहले घर में है और केतु 7 वें घर में है और अन्य सभी ग्रह उनके बीच हैं। अनंत कालसर्प व्यक्ति के दांपत्य जीवन पर बहुत बुरा असर डालता है। जिनकी कुंडली में यह दोष है उन व्यक्तियों की शादी नहीं हो सकती है या शादी में देरी हो सकती है।
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2. कुलिक कालसर्प दोष
किसी कुंडली में कुलिक कालसर्प दोष तब होता है जब राहु दुसरे घर में है और केतु 8 वें घर में हो और अन्य सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में हैं। जिस व्यक्ति की कुंडली में कुलिक कालसर्प दोष हो तो उसको शैक्षिक समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा उसको खाने-पीने, धूम्रपान या अन्य दवाओं की बुरी आदतें हो सकती है |
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3. वासुकि कालसर्प दोष
किसी कुंडली में वासुकि काल सर्प दोष तब होता है जब राहु तीसरे घर में हो और 9 वें घर में केतु हो और अन्य सभी ग्रह राहु और केतु की अक्ष पर हों, तो कुंडली में वासुकि कालसर्प दोष है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई समस्यायों का कारण बन सकता है और जीवन में बहुत बुरा भाग्य परिलक्षित होता है। व्यक्ति के किसी भी प्रयास का सकारात्मक परिणाम नहीं आता है।
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4. शंखपाल कालसर्प दोष
शंखपाल कालसर्प दोष कुंडली में तब होता है जब राहु चौथे घर में हो और केतु दसवें घर में हो | कुंडली में शंखपाल कालसर्प योग व्यक्ति को उसके बचपन में परेशान कर सकता है | व्यक्ति अपने बचपन में बुरी आदतों और बुरी गतिविधियों में शामिल हो सकता है, जैसे कि माता-पिता की जेब से पैसे चोरी करना इसके अलावा स्कूल से बंक मारना तथा बुरी संगति में पड़ना |
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5. पदम कालसर्प दोष
पद्म कालसर्प दोष कुंडली में तब होता है जब राहु 5वें घर में हो और केतु 11वें घर में हो और बाकी सारे ग्रह राहु और केतु के बीच में हो | यदि कुंडली में पद्म कालसर्प दोष हो तो व्यक्ति को शिक्षा एवं बच्चे के जन्म से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं | साथ ही प्रेम संबंध, प्रेम विवाह, स्वास्थ्य, दैनिक आय और व्यापार में उन्नति से संबंधित समस्याएं भी आ सकती है |
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6. महापद्म कालसर्प दोष
पद्म कालसर्प दोष कुंडली में तब होता है जब राहु 6वें घर में हो और केतु 12वें घर में हो और अन्य सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में हो | व्यक्ति की कुंडली में महापदम कालसर्प दोष नौकरी और सेवा से संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है | इसके अलावा इस दोष से मैनेजर से खराब संबंध, खराब स्वास्थ्य, अस्पताल में भर्ती होना,आय से अधिक व्यय, कम आय और सरकारी एजेंसियों के मुद्दे से सम्बंधित समस्याएं आदि हो सकते हैं |
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7. तक्षक कालसर्प दोष
तक्षक कालसर्प दोष तब कुंडली में होता है जब राहु 7वें घर में हो और केतु पहले घर में हो और बाकी सब ग्रह राहु और केतु के बीच में हों । यदि जातक की कुंडली में तक्षक कालसर्प दोष हो तो वह व्यक्ति जीवन में बहुत बड़ी समस्याओं का सामना कर सकता है।
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8. कर्कोटक कालसर्प दोष
कर्कोटक कालसर्प दोष तब होता है जब व्यक्ति की कुंडली में राहु आठवें घर में होता है और केतु दूसरे घर में होता है और बाकी शेष ग्रह राहु और केतु के बीच में होते हैं। कर्कोटक कालसर्प दोष का व्यक्ति की कुंडली में होने पर उसके जीवन में बहुत अशुभ घटनाएं होती है। वह जीवन के हर क्षेत्र में बुरी किस्मत का ही सामना करता है।
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9. शंखनाद या शंखचूड कालसर्प दोष
कुंडली में शंखनाद कालसर्प दोष तब बनता है जब जातक की कुंडली में राहु नौवें घर में हो और केतु तीसरे घर में हो और शेष ग्रह राहु और केतु के बीच में हों। कालसर्प दोष के प्रकार में से शंखचूड कालसर्प योग ९ वा प्रकार है।
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10. घातक कालसर्प दोष
जब व्यक्ति की कुंडली में राहु 10वें घर में होता है और केतु चौथे घर में होता है तो घातक कालसर्प दोष होता है। अन्य शेष ग्रह राहु और केतु के बीच में होते हैं। कुंडली में घातक कालसर्प दोष व्यक्ति के जीवन में कई समस्याओं का कारण बन सकता है। 10वें घर में राहु की उपस्थिति व्यावसायिक परेशानियों का कारण बनता है।
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11. विषधार कालसर्प दोष
विषधार कालसर्प दोष तब होता है, जब कुंडली में राहु ग्यारहवें घर में और केतु पांचवें घर में होता है। और अन्य बाकी सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में होते हैं। जातक की कुंडली में विषधार कालसर्प दोष होने पर उसके जीवन में बहुत सारी समस्याएं पैदा होती है | ऐसे व्यक्ति आंख और दिल की बीमारियों से पीड़ित हो सकते है।
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12. शेषनाग कालसर्प दोष
शेषनाग कालसर्प दोष तब होता है जब जातक की कुंडली में राहु बारहवें घर में है और केतु छठे घर में है और शेष ग्रह राहु और केतु के बीच में हैं। शेषनाग कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति घास में हमेशा सांप से डरता है और वह अपने जीवन में बिना कारण के कई कानूनी मुद्दों में उलझा रहता है ।